अलीगढ़- जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि लॉकडाउन की वजह से पूरे देश की अर्थव्यवस्था उत्तल-पुथल हो गई है। जिसमें हर नागरिक की आर्थिक स्थिति को एक बहुत बड़ा सदमा पहुंचा है। ऐसे में राज्य सरकार की तरफ से एक राहत पहुंचाने वाली ख़बर सामने आई है।
जिसमें राज्य सरकार कोरोना संक्रमण के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश से उम्मीद की किरण दिखाई दी है। जी हां उच्च न्यायालय ने प्रदेश में 729 लैब टेक्नीशियनों (Lab technicians) की फौरी तौर पर नियुक्ति का रास्ता पूरी तरह साफ कर दिया हैं। हालांकि इस मुद्दे पर कोर्ट का कहना है कि यह आदेश कोविड-19 के कारण उत्पन्न आपात स्थिति को देखते हुए किया जा रहा है।
अंतिम निर्णय पर निर्भर करती है यह नियुक्तियां
जी हां यह नियुक्तियां हाईकोर्ट में लंबित याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेंगी। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई के बाद 26 जुलाई 2019 को पारित अपने अंतरिम आदेश को संशोधित करते हुए लैब टेक्नीशियन (Lab technicians) की नियुक्तियों पर प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश जारी किया है। साथ ही याचिका पर अंतिम सुनवाई के लिए 13 जुलाई की तारीख लगाई गई है। कोर्ट ने कहा कि इसके बाद किसी भी पक्ष को आगे अवसर नहीं दिया जाएगा।
राहत: 23 विश्वविद्यालयों की B.Ed डिग्री को मान्यता प्राप्त
केंद्र सरकार ने 23 विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों को B.Ed, डीएलएड आदि को सबके लिए पिछली तिथि से मान्यता प्रदान कर दी है। इससे इन संस्थानों से 2018 से पहले डिग्री लेने वाले हजारों सेवारत शिक्षकों को राहत मिल गई है। इन बेबी में बिना एनसीटीआई की मान्यता के पूर्व में यह कोर्स चलाए थे लेकिन बाद में शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने से हजारों शिक्षकों के समक्ष संकट पैदा हो गया था।
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