अलीगढ़। जैसा कि आप जानते हैं कि कोरोना का प्रकोप भारत में दिन-प्रतिदिन बड़ता जा रहा है, पर क्या आपको पता है कि इस कोरोना का असर इंसानों के साथ-साथ चूहों पर भी पड़ रहा है। बता दें कि वैज्ञानिकों ने देश में पहली बार कोरोनावायरस के प्रभाव को बेहतर तरीके से समझने के लिए चूहों पर अध्ययन किया है। पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने तीन तरह के 34 चूहों पर अध्ययन के बाद पाया कि सीरियाई चूहों पर इंसानों की तरह ही कोरोना वायरस अपना असर दिखाता है।
बताया गया है कि इंसानों में कोरोनावायरस का प्रभाव पांत से सात दिन बाद देखने को मिलता है जबकि उनके शरीर में वायरस की खिलाफ एंटीबॉडी सात से दस दिन में बनती है।
इसके अलावा आपको बता दें कि एक अध्यन के ज़रीये रोहचक बात सामने आई है। इसके साथ ही बता दें कि बताया गया है कि इंसानों में कोरोनावायरस का प्रभाव पांत से सात दिन बाद देखने को मिलता है जबकि उनके शरीर में वायरस की खिलाफ एंटीबॉडी सात से दस दिन में बनती है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों का कहना कि करीब 10 साल पहले जब कोरोना फैमिली का सार्स वायरस आया था। उस वक्त भी चूहों पर इसका अध्ययन किया गया था।
वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस के लिए फेरट प्रजाति पर अध्ययन किया जाना चाहिए-
आपको बता दें कि अभी इंसानों के सैंपल लेकर वायरस के प्रभाव कुछ हद तक पता चल चुके हैं लेकिन जानवरों खासकर चूहे और बंदरों में इसका असर जानने के लिए 16 बीएएलबी/सी57, बीएल6 प्रजाति के चूहे और 18 गोल्डन सीरियाई हैमेस्टर प्रजाति के चूहों पर अध्ययन किया गया। इसके साथ ही बता दें कि वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस के लिए फेरट प्रजाति पर अध्ययन किया जाना चाहिए, जिससे और कई सारी थ्योरीज़ सामने आए।
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