अलीगढ़। जैसा कि आप जानते हैं कि चीन के दोगले चहरे के कारण आज कोई भी देश उसपर भरोसा करने से पहले हज़ार बार सोचता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि चीन से आया कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। दुनिया भर मेंं आर्थिक तंगी से अनेकों देश जूझ रहे हैं। इसके अलावा अमेरिका समेत कई देश चीन खिलाफ कड़ी कर्यवाही करने की फिराक में हैं, परंतु चीन ने अपने Export Rate को एक ढाल बना रखा है, जिससे कोई भी देश उससे खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से हज़ार पर सोचने पर मज़बूर है।
इसके अलावा आपको बता दें कि भारत समेत कई देश में चीन ने अपने Export Rate को ऊचाँईयों पर पहुँचा रखा है, जिसके कारण कई देश उसपर निरभर हैं। चीन दुनिया की सबसे बड़ी निर्यात अर्थव्यवस्था है और आर्थिक जटिलता सूचकांक (ECI) के अनुसार 33 वीं सबसे जटिल अर्थव्यवस्था है। इसके साथ ही आपको बता दें कि भारत में जितने भी कम्यूूटर समेत ऑटोमोबिल पॉर्ट होते वह चीन से ही Export किये जाते है और भारत में assemble किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त चीन ने $ 2.41T का निर्यात किया और $ 1.54T का आयात किया, जिसके परिणामस्वरूप $ 873B का सकारात्मक व्यापार संतुलन बना। 2017 में चीन की जीडीपी $ 12.2T थी और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद $ 16.8k था। इस डाटा से आपको चीन के Export Rate का अंदाज़ा लग ही गया होगा।
इसके अलावा आपको बता दें कि यह दरअसल चीन की साज़िश हैं, जिससे हमें वाकिफ होना अनिवार्य है। वह दूसरे देशों को अपने ऊपर निरभर करके दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनने की होड़ में हैं। इसके साथ ही भारत समेत कई देशों का उद्देश्य यह होना चहिये कि मुख्य तौर पर भारत के साथ-साथ अन्य देशों को ऑटोमोबाइल व मशीन पार्ट का उत्पादन अपने देश में ही करने की पहल शुरु करनी चाहिये। इसी कारण हम चीन के Export Rate को कम कर सकते हैं और साथ ही हम चीन जैसे विश्वास घाती देश पर निरभरता से मुक्त भी हो सकते हैं।
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