अलीगढ़। आज हम इस आर्टिकल में (Janhvi Kapoor) जहान्वी कपूर की हाल ही रिलीज फिल्म गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल (gunjan saxena the kargil girl) का एक ऑनेस्ट मूवी रिव्यू देने जा रहे हैं। जिसे हम हिंदी भाषा में फिल्म समीक्षा भी कहते हैं।
इस लेख को शुरू करने से पहले आपको यह बात बता दें कि इस पूरे लेख में हम ऐसी कोई भी जानकारी आपको नहीं देने वाले हैं जो आपकी इस फिल्म को देखने का मजा खराब करें। जी हां यहां हम आपको सिर्फ इतना बताएंगे कि आपको यह फिल्म वाकई देखनी चाहिए या नहीं और इसमें ऐसी कौन-सी खास बात जिस कारण आपको इस फिल्म को अपने किमती समय में से पूरे ढ़ेड घंटे देन पड़े, ना कि आपको इस फिल्म की कहानी बता कर आपका इस फिल्म को लेकर सारे सीक्रेट्स को ओपन करना। तो चलिए शुरू करते हैं।
फिल्म में सबसे अहम है पिता की भूमिका
इस फिल्म की कहानी के बारे में हम आपको ज्यादा कुछ ना बताते हुए सिर्फ इतना बताना चाहेंगे कि मां और बेटे का रिश्ता जिस तरह पूरी दुनिया में सबसे अटूट होता है ठीक वैसे ही एक बाप और उसकी बेटी का रिश्ता होता हैं, वाकई यह बात सच है कि एक बेटी अपने पिता के लिए एक परी के समान होती है जो हर हालत में अपने पिता को खुश देखना चाहती है। इस रिश्ते को बहुत ही खूबसूरती के साथ फिल्म में दिखाया गया है, जिसको देखने पर हर किसी की आंख भर आएगी।
इस फिल्म के बाकी सभी किरदारों ने बेहद बेहतरीन प्रदर्शन किया है यानी कि कहे तो सभी किरदारों ने अपना बेस्ट इस फिल्म को दिया है। बता दें कि यह फिल्म कुछ नहीं मैं भी बहुत कुछ कर जाने का दम रखती है। यह फिल्म खासतौर पर उन सभी युवाओं को ज़रुर देखनी चाहिए, जो अपने सपने को पूरा करने के लिए हर नामुमकिन कोशिश करने का जोश रखते हैं।
क्या आपको यह फिल्म नहीं देखनी चाहिए?
जैसे कि आप सभी जानते हैं की सुशांत की मौत के बाद नेपोटिज्म का मसला आग की तरह हर तरफ फैल गया है, जिस आग की लपटें (Janhvi Kapoor) जहान्वी कपूर की फिल्म गुंजन सक्सैना पर भी पड़ी। जी हां रिलीज के कुछ समय पहले से ही गुंजन सक्सेना फिल्म का बॉयकॉट होना शुरु हो गया था। आपको बता दें कि अब भी लोग ऐसे हैं जो इस फिल्म को सिर्फ इसी वजह से नहीं देखना चाहते क्योंकि यह फिल्म किसी स्टार किड की है। अगर आप भी यही सोच रखते हैं तो आपको अपनी इस सोच को थोड़ा परे रखते हुए इस फिल्म को जरूर देखना चाहिए, क्योंकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता किरदार कौन निभा रहा है फर्क सिर्फ इतना पड़ता है कि किरदार कैसा निभाया गया है। हम आपको यही सलाह देंगे कि आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए।
फिल्म के दौरान एक भी मिनट पलक नहीं झपका पाएंगे आप
जी हां हम अपनी इस फिल्म समीक्षा को आपके साथ तभी साझा कर रहे हैं क्योंकि हम यह फिल्म देख चूकें है और वाकई (Janhvi Kapoor) की इस फिल्म को देखते समय आपको एक भी मिनट ऐसा नहीं लगेगा कि आपको अब इसे बंद कर देना चाहिए बल्कि इस फिल्म को देखते समय आपको अपनी पलकें झपकाने तक का मन नहीं करेगा। इस फिल्म कि यही सबसे खास बात है कि इस फिल्म ने शुरुआत से लेकर आखिर तक लोगों के दिलों में उत्साह बनाए रखा है और इस फिल्म को हर छोटे से छोटा सीन बहुत ही बारीकियों के साथ दिखाया गया है। ये फिल्म बाकई एक शानदार कहानी और बेहतरीन अदाकारी की मिसाल पेश करती है।
(Sridevi) श्रीदेवी को अपनी बेटी पर अब होगा असल मायनों में गर्व
जैसा कि आप जानते हैं कि बीते दिन 13 अगस्त को (Janhvi Kapoor) जहान्वी कपूर की मां यानी की मशहूर अदाकारा (Sridevi) श्रीदेवी जी का जन्मदिन था और उससे ठीक एक दिन पहले ही जहान्वी कपूर की फिल्म गुंजन सक्सेना ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है, और अगर जहान्वी की शुरुआती फिल्म की बात की जाए तो वह कुछ खास सफलता पूर्ण नहीं रही लेकिन इस फिल्म गुंजन सक्सेना के बाद अब (Janhvi Kapoor) जहान्वी लाखों दिलों की तारीफे़ लूट रही है क्योंकि जब कोई एक्ट्रेस एक बायोपिक की स्क्रिप्ट चुनती है तो उसके सामने कई सारे चैलेंज अपने आप खड़े हो जाते हैं क्योंकि बायोपिक की पर्सनालिटी को रिप्रेजेंट करना इतना आसान नहीं होता किसी के लिए भी, फिर चाहे वह कितना भी अनुभवी शख्स क्यों न हो, वही जहान्वी कपूर ने गुंजन सक्सेना की असल जिंदगी को बहुत ही खूबसूरती के साथ पर्दे पर दिखाया हैं।
फिल्म के गाने कैसे हैं?
फिल्म की सभी किरदारों के बाद असली बात आती है फिल्म के गानों की, तो आपको बता दें कि फिल्म के गाने सभी पूरी तरह देश की बेटियों को समर्पित है। फिल्म के शुरुआती गाने हमारे जीवन के संघर्ष को बयां करते हैं जिसको बेहद खूबसूरत आवाजों में गाया गया है। अब आखिर में आपको इस फिल्म की पूरी कहानी जानने के लिए खुद उस फिल्म को देखना होगा और डेढ़ घंटे की यह फिल्म आपका ज्यादा समय भी नहीं लेने वाली है तो आप इस फिल्म को आराम से अपने बिजी शेड्यूल में भी देख सकते हैं।
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