पीरियड्स में पेड्स-टैम्पॉन या मेन्सटुअल कप- माहवारी का समय महिलाओं के लिए बेहद चुनौती भरा होता हैं। अब चाहे वह वर्किंग वुमन हों या फिर हाउसवाइफ। क्योंकि दिन के हजारों कामों के साथ पीरियड्स के इस समय से जूझना बेहद मुश्किल होता हैं। इस दौरान पेट या कमर दर्द से लेकर चिड़चिड़ेपन की समस्या से तो चुनिंदा घरेलू उपायों के साथ निजात पाया जाता हैं, लेकिन वहीं हैवी ब्लड फ्लो के दौरान कपड़ों पर खून के दब्बे (स्पोटिंग) की टेंशन और समस्या से घरेलू उपाय हृमें छुटकारा नहीं दिला सकते। ऐसे में माहवारी के समय हम सभी महिलाओं के जहन को ये सवाल घेरे रहता हैं कि पीरियड्स के दौरान ब्लड स्पोटिंग की टेंशन से दूर रहने के लिए क्या करें इस्तेमाल? टैम्पॉन, पेड या मेन्सटुअल कप। जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं—
जानिए क्या हैं पेड, टैम्पॉन व मेन्सटुअल कप में अंतर—
पेड जिसको माहवारी के समय में आज तक हम सभी महिलाओं ने आमतौर पर इस्तेमाल किया ही होगा। वहीं अगर हम बात करें टैम्पॉन की तो यह इस्तमाल में जितने आसान होता हैं माहवारी के दिनों में हैवी ब्लॉ फ्लो कंट्रोल करने के लिए उतने ही बेहतर। जिसके चलते महिलाएं महावारी के दौरान अपने वैजाइनल एरिया यानि प्राइवेट पार्ट में फिक्स कर माहवारी के दिनों में भी कमफर्टेवल रह सकती हैं। जो कि पीरियड ब्लड को वेजाइना के अंदर मौजूद रहते हुए ही एब्जॉर्ब यानि सोख लेता हैं।
जिससे ब्लड लीकिंग या ब्लड स्पोटिंग की टेंशन नही रहती। ठीक इसी प्रकार मेन्सटुअल कप भी अपना काम करता करता हैं। जो कि एक कपनुमा आकृति में एक विशेष प्रकार की रबड़ का बना होता हैं। जिसका पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल के लिए महिलाओ को अपने वेजाइना में फिक्स (लगाना) करना होता हैं। इसके बाद माहवारी का ब्लड इसमें इकट्ठा होता रहता हैं। इसक इस्तेमाल की समय सीमा के बाद आप इसे वेजाइना से बाहर निकालकर साफ कर लें। जिससे यह दोबारा इस्तेमाल के लिए तैयार होता हैं।
पीरियड्स में क्या हैं बेस्ट पेड, टैम्पॉन या मेन्सटुअल कप—
माहवारी के दौरान हम सभी महिलाओं के जहन में सबसे ज्यादा बड़ा सवाल यह उभरता हैं कि क्या करें इन दिनों में इस्तेमाल? जिसका जवाब देते हुए बता दें कि पीरियड्स के दौरान पेड का इस्तेमाल से कई बार हमारे कपड़ों पर पीरियड ब्लड के निशान लग जाते हैं। जो कि कहीं न कहीं हमें परेशा करते हैं और काम के दौरान हमारी टेंशन की वजह भी बन जाते हैं। वहीं अगर हम बात करें टैम्पॉन व मेन्सटुअल कप की तो यह महिलाओं के वेजाइनल एरिया में फिक्स (लगाना) हो जाते हैं। जिसके बाद महावारी के दौरान होने वाली ब्लीडिंग के सीधे कॉन्टेक्ट में रहते हैं और पीरियड ब्लड वेजाइना से बाहद नहीं आता।
जिससे कपड़ों पर पीरियड ब्लज के दब्बे यानि बल्ड स्पॉटिंग की टेंशन नहीं होती। इतना ही नहीं पेड्स हेवी ब्लड फ्लो को कंट्रोल तो कंट्रोल करने के लिए बेहतर होते हैं पर वहीं टैम्पॉन व मेन्सटुअल कप हैवी ब्लड फ्लो को कंट्रोल करने के लिए बेस्ट ऑप्शन साबित होते हैं। क्योंकि इनके इस्तेमाल से ब्लड स्पोचिंग का चांस पेड्स की अपेक्षा न के समान होता हैं। वहीं इनके इस्तेमाल से महिलाएं अत्यधिक कमफर्टेवल रह सकती हैं। कई बार हमें पेड्स के इस्तेमाल से महिलाओं को वेजाइन एरिया में इचिंग व रेशेज़ जैसी समस्याएं हो जाती हैं जबकि टेम्पॉन या मेन्सटुअल कप के इस्तेमाल से इन समस्याओं का समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
पीरियड्स में पेड्स-टैम्पॉन या मेन्सटुअल कप के ये पक्ष भी हैं ध्यान देने योग्य—
बता दें कि टैम्पॉन बनाने में क्लोरिन, पेस्टिसाइड्स जैसे कई कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जैता हैं। जो कि पेड्स के निर्माण में भी शामिल हैं। जबकि मेन्सटुअल कप इस मामले में महिलाओं के लिए एक बेहद सेफ और हार्मफुल कैमिकल फ्री ऑप्शन साबित होते हैं। जिसके चलते यदि महिलाओं की त्वचा संवेदनशील हैं तो वह टैम्पॉन के इस्तेमाल का अवॉइड कर सकती हैं। क्योंकि यह हमारे वेजाइनल एरिया के डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में होता हैं। जिससे इन्फेक्शन का खतरा हो सकता हैं जबकि पेड्स में इन समस्याओं का अनुपात कम होता हैं।
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