अक्सर छोटे बच्चो की देखभाल करना काफी चुनौती भरा काम होता है। इसके बावजूद भी हम सभी माएं अपने न्यूबॉर्न बेबी की देखभाल में कोई कसर नही छोड़ना चाहती हैं। छोटे बच्चो की स्किन काफी सेन्सिटिव और कोमल होती है। जिसके चलते न्यूबॉर्न बेबी का ख्याल रखने से पहले हमे सभी चीजों का पता होना चाहिए। जो कि उनकी सेहत ले लेकर उनकी स्किन को ज़रा भी नुकसान न पहुँचाएं।
वहीं अगर हम बात करें उन महिलाओं के बारे में जिन्होंने हाल ही में किसी नन्ही जान को जन्म दिया हैं। तो उनको जहन में हमेशा ही ये सवाल बना रहता हैं कि उनकी देखभाल में शामिल ऐसी कौन सी चीजें हैं। जो कि कहीं न कहीं उनको नुकसान पहुँचा सकती हैं। ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। जिनको आप अपने न्यूबॉर्न बेबी की देखभाल में शामिल करने से पहले एक बार जरूर जान लें इनसे होने वाले नुकसान-
1-कही काजल से तो नही पहुँच रहा बच्चो की आंखो को नुकसान—
अक्सर हम सभी लोगो छोटे-छोटे बच्चो को निहलाने के बाद उनकी आँखो में काजल लगाते है जिसे लगाने के बाद और भी ज्यादा खूबसूरत दिखाई देते हैं जिसे लगाना हम काफी अच्छा समझते हैं पर काजल लगाने से कभी-कभी बच्चो की आँखो में इंफेक्शन जैसे की- आँखो मे खुजली ,पानी का आना, और आँखो का लाल पड़ जाना आदि समस्याओं देखने को मिल जाती है जिससे छोटे बच्चो को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है इसलिए न्यू वॉर्न बेबी काजल लगाने से बचाएं।
2- बड्स तो नही पहुंचा रहे बच्चो के कानो को नुकसान—
हम लोग अक्सर अपने कानो को घर पर ही साफ करने के लिए बड्स का इस्तेमाल करते है ,लेकिन बच्चो के कानो मे इसका इस्तेमाल गलती से भी न करे। क्योकी बच्चो के कान की बाहरी और अंदरुनी त्वचा बहुत नाज़ुक होती है। जिससे बच्चो के कान मे बड्स का इस्तेमाल करने से उनमें बहरापन होने के साथ ही उनको असहनीय कान के दर्द की पीड़ा भी हो सकती हैं।
3- कपड़े और टॉवल का भी रखे ध्यान—
अगर आप भी अपने न्यू वॉर्न बेवी के लिए कपड़े या टॉवल खरीद रहे है,तो ध्यान रखे की उन सभी का मैटेरियल काफी सॉफ्ट होने चाहिए। जिससे बच्चो की नाज़ुक त्वचा को कोई नुकसान न पहुँचे। साथ ही अच्छे फेब्रिक की टॉवल या कपड़ों का इस्तेमाल न्यूबॉर्न बेबी के लिए करने से स्किन एलर्जी जैसी समस्याओं का खतरा भी कम हो जाता हैं।
4-मॉसक्यूटो रिपेलेंट का भी रखें ख्याल-
हम हमेशा ही अपने बेबी की सेहत को लेकर काफी सजग रहते हैं। ऐसे में बच्चों को खतरनाक बिमारी फैलाने वाले मच्छरों से बचाना भी बेहद जरूरी होता हैं। जिसके लिए हम अधिकतर बच्चों के शरीर पर मॉसक्यूटो रिपेलेंट का इस्तेमा करते हैं। वहीं अगर ये मॉसक्यूटो रिपेलेंट हार्मफुल कैमीकल्स के साथ बने हो तो बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि बच्चों के लिए एक नेचुरल मॉसक्यूटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
Discussion about this post