अक्सर ही हम लोंगो ने गाड़ियों की नंबर प्लेट्स से लेकर उनके शीशों पर कई तरह की बातों को लिखे हुए देखा होगा। जिसमें जातिसूचक शब्दों से लेकर कई तरह की शायरियाँ और मुहावरे भी शामिल होते हैं। जिनको लेकर अगर हम बात करें इनसे जुड़े कुछ व्यवस्था कानूनों के बारे की तो इंटीग्रेटेड ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम के अनुसार ऐसा करना सरासर गलत हैं। जिसके प्रति हाल ही में यू.पी. पुलिस परिवहन विभाग ने सजगता दिखाते हुए गाड़ियों के चालान काटने की प्रतिक्रिया को शुरू कर दिया हैं। ऐसे में जिन वाहन चालकों की गाड़ियों की नंबर प्लेट्स पर वाजिब नंबरों के अलावा जातिसूचक शब्द या कुछ अन्य बातें लिखी हुई पाई गई, तो उस वाहन के चालन कटाने के साथ-साथ तुरंत कार्यवाही की जाएगी, तो आइए जानते हैं पूरी रिपोर्ट—
नंबर प्लैट्स से लेकर गाड़ियों पर इन शब्दों के इस्तेमाल से होगा वाहनों का चालन—
गाड़ियों की नंबर प्लेट्स पर अधिकतर लोग वाजिब नंबरों के अलावा भी कई जातिसूचक शब्दों को लिखवा लेते हैं। जो कि मोटर व्हील्स एक्ट के अनुसार परिवहन कानून के उल्लंघन का ही एक हिस्सा हैं। यहाँ तक कि वाहन के नंबरों अपने फाइंट साइज और स्टाइल के अनुकूल ही होने चाहिए। जबकि ऐसा वाहनों के बीच नहीं पाया जाता हैं। वहीं अगर हम जातिसूचक शब्दों से अलग होकर बात करें, तो भी कहां वाहनों पर लिखी अलग-अगल बातें परिवहन कानूनों द्वारा गवारा नही की जा सकती। जिसके चलते गाड़ियों पर यू.पी. पुलिस, न्यायधीश, वकील, पत्रकार, डिफेंस, सांसद और विधायक, उत्तर प्रदेश सरकार से लकर पूर्व या बड़ा विधायक तक कई बातें लिखी देखी होंगी। जिसको लेकर परिवहन विभाग के एडिशनल ट्राँस्पोर्ट कमिश्नर (अरविंग पाडेंय) ने खुलकर बात की।
गाड़ियों से जुड़े ध्यान रखें ये कुछ अहम कानून—
अरिवंद पाडेंय ने बताया कि आप गाड़ी के शीशों से लेकर उनके किसी भी हिस्से पर कुछ नहीं लिख सकते। जिसके चलते यदि कोई वाहन ऐसा पाया हैं तो उसे धारा 177 एक्ट के तहत ही कवर किया जाएगा। जिसमें गाड़ी के चालन के साथ-साथ उस वाहन चालक पर कार्यवाही भी की जाएगी। जिसके चलते यू.पी परिवहन विभाग पुलिस द्वारा इस कानून को सजगता से लेते हुए गाड़ियों के धड़ाधड़ चालन काटे जा रहे हैं।
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