अलीगढ़- महाकाल की नगरी के नाम से जाने जाने वाला उज्जैन शहर अपनी कई अनोखी विशेषताओं की वजह से वहां आने वाले लोगों के दिलों में अपनी एक अलग छाप छोड़ देता हैं। उज्जैन अपने पराक्रमी राजा विक्रमादित्य और कई अनोखे मंदिर की वजह से प्रसिद्ध हैं और आज हम बात करने जा रहे है उज्जैन के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर के बारे में। इस मंदिर के संबंध चमत्कारी बात ये है कि यहां स्थित कालभैरव की प्रतिमा मदिरा (शराब) का सेवन करती है। ऐसे ही कुछ अनसुनी और अनोखी बातें हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आपको वाकई हैरानी महसूस हो सकती हैं तो आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी हुई पूरी रिपोर्ट-
मदिरापान करते हैं इस मंदिर के भगवान
बता दें कि , उज्जैन के काल भैरव मंदिर में भोलेनाथ के अंश के रूप में विराजमान काल भैरव भगवान को मदिरापान यानी कि शराब का भोग चढ़ाया जाता है। जी हां यहां की मान्यता है कि भगवान के मुख से जैसे ही शराब का भरा प्याला लगाया जाता है वह देखते ही देखते खाली हो जाता हैं। इसके के बारे में ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान के मदिरापान करने वाली बात एक विदेशी आदमी को पता चली तो उन्होने वहां पर अंग्रेजी सरकार द्वारा खुदाई भी कराई, केवल यही जानने के लिए कि आखिर यह शराब जाती कहां हैं लेकिन उस पूरी जांच में कुछ ना मिलने के कारण वह विदेशी भी आज महाकाल का बहुत बड़ा भक्त बन चुका है।
इस जांच को कराने के बाद यहां के लोगों का अपने भगवान के ऊपर विश्वास और भी कई गुना ज्यादा मजबूत हो गया इसीलिए यहां महाकाल के दर्शन करने आने वालों की तादाद दिन पर दिन बढ़ती रहती हैं। यहां पर लोग हजारों की तादात में भगवान काल भैरव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
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इस मंदिर के आगे से नहीं गुजरती कोई बारात
उज्जैन में बने इस मंदिर के बारे में यह बात भी बहुत ही ज्यादा प्रचलित है कि इस मंदिर के आगे से किसी भी शादी की बारात नहीं गुजर सकती हैं। इसको लेकर यहां के लोगों की यह मान्यता है कि अगर कोई भी बारात इस मंदिर के आगे से गुजरती है तो या तो उस दूल्हे की मृत्यु होना तय है या फिर उसकी शादी में कोई ना कोई रुकावट जरूर आएगी। जिसको भगवान काल भैरव का क्रोध माना जाता है। इसी मान्यता के चलते इस मंदिर के आगे से कोई भी बारात नहीं गुजरती हैं।
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