Makar Sankranti 2021- हर साल के शुरुआत में आने वाला मकर संक्रांति का त्योहार हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। बता दें कि, इस संक्रांति पर्व का जितना धार्मिक महत्व है, उतना ही वैज्ञानिक महत्व है। दरअसल, ऐसी मान्यता है कि जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति का योग बनता है, लेकिन इसके अलावा भी कई सारे बदलाव आते हैं।महान ज्योतिषाचार्य के अनुसार, मकर संक्रांति के बाद जो सबसे पहले बदलाव आता है वह है दिन का लंबा होना और रातें छोटी होनी लगती हैं।
इसी के चलते यहां हम आपको मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण, खिचड़ी, दान पुण्य और इस पर्व के महत्व के बारे में बताने जा रहे है।
सूर्य कब होता है उत्तरायण?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, किसी की कुंडली में आठों ग्रह प्रतिकूल हों तो उत्तरायण सूर्य की पूजा-अर्चना मात्र से सभी मनोनकामना पूर्ण होती हैं। सूर्य के उत्तरायण काल ही शुभ कार्य के जाते हैं। सूर्य जब मकर, कुंभ, वृष, मीन, मेष और मिथुन राशि में रहता है, तब उसे उत्तरायण कहा जाता है। इसके अलावा सूर्य जब सिंह, कन्या, कर्क, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में रहता है, तब उसे दक्षिणायन कहते हैं। इस वजह से इसका राशियों पर भी गहरा असर पड़ता है।
Makar Sankranti 2021- मकर संक्रांति पर ये होते है खिचड़ी के फायदे
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी सबसे विशेष महत्व माना जाता है। जी हां प्रसाद के रूप में खाए जाने वाली खिचड़ी सेहत के लिए वहुत अधिक फायदेमंद होती है। मकर संक्रांति के दिन बनने वाली मूंग दाल की खिचड़ी हमारे पाचन क्रिया सुचारु रूप से चलने में मदद करती है।
वही अगर इसी खिचड़ी को मटर और अदरक मिलाकर बनाएं तो शरीर के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद हो जाती है। यह शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है साथ ही बैक्टिरिया से भी लड़ने में मदद करती है।
Makar Sankranti 2021- मकर संक्रांति पर करें ये दान
मकर संक्रांति के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना सबसे ज्यादा पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन खिचड़ी का दान देना विशेष फलदायी माना गया है। मकर संक्रांति के दिन से सभी शुभ कार्यों पर लगा प्रतिबंध भी समाप्त हो जाता है। इस पर्व पर खिचड़ी सेवन और खिचड़ी दान का अत्यधिक महत्व बताया जाता है। वहीं आप इस जरूरतमंदों खिचड़ी, रेवड़ी, तिल के लड्डू , अन्न व कपड़ा दान कर पुण्य कमा सकते है।
Discussion about this post