इतिहास अथाह सागर हैं जिसमें कई रोचक और अनसुनी बातें रहस्य बनकर जहन में उठती हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही अनोखी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां की सच्चाई रूह कांपने देने वाली हैं। हम बात कर रहे हैं जहां सब लोग इंसान से लेके जानवर तक पत्थर के बन गए। तो आइए जानते है आखिर क्या है इसकी सच्चाई।
1940 साल पहले पोम्पई आबाद हुआ करता था। सन् 79 में यहां एक ऐसी भयानक घटना घटी थी कि एक झटके में ही पूरा का पूरा शहर तबाह हो गया था। इस जगह से वैज्ञानिकों को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर वह कहते हैं कि शायद ही उस समय यहां कोई इंसान बच पाया होगा। पोम्पई करीब 170 एकड़ में फैला हुआ है।
यहां मौजूद खंडहरों के आधार पर ये माना जाता है कि इस शहर में करीब 11 हजार से 15 हजार लोग रहते होंगे। कुछ साल यहां खुदाई में पुरातत्व विभाग को एक घोड़े का शरीर और उसका कवच मिला था, जो पत्थर के बन गए थे। इसके अलावा यहां से एक आदमी का दिमाग भी मिला था, जो शीशे का बन गया था।
दरअसल, पोम्पई के करीब नैपल्स की खाड़ी में एक ज्वालामुखी है, जिसका नाम माउंट वसूवीयस है। 79 ईस्वी में यह ज्वालामुखी अचानक फट गया था, जिसकी वजह से भारी मात्रा में लावा, राख और गैस निकला था। इससे बड़े पैमाने पर तबाही मची थी।
पोम्पई में रह रहे लोग जब तक शहर को छोड़कर कहीं भाग पाते, तब तक ज्वालामुखी का लावा यहां तक पहुंच चुका था। इसकी वजह से यह इलाका इतना गर्म हो गया था कि लोगों का खून उबलने लगा था और खोपड़ियां फट गई थीं। साथ ही लावे की चपेट में आने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई। बाद में जब तापमान गिरने की वजह से लावा ठोस रूप में आ गया तो इंसानों का शरीर भी पत्थर का बन गया।
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